हेमंत सोरेन 2.0: हेमंत सोरेन की सरकार को इस बार फिर से ऐतिहासिक बहुमत के साथ चुना गया है, जिससे यह स्पष्ट है कि जनता ने उनकी योजनाओं और वादों पर भरोसा किया है। इस बार की दुबारा जीत ने मुख्यमंत्री को राज्य के युवाओं और गरीबों के लिए ठोस कदम उठाने का आत्मविश्वास दिया है, जिससे युवाओं जो लंबे वर्षों से रोजगार की तलाश में है, उन्हें इस बार की सरकार से नई आशा जगी है।

हेमंत सोरेन सरकार की वापसी
झारखंड की राजनीति में एक बार फिर से इतिहास रचते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भारी मतों के अंतर से सत्ता हासिल की है। अपनी दूसरी पारी की शुरुआत से ही उम्मीद है कि राज्य के युवाओं और बेरोजगारों के लिए एक बड़ा वादा पूरा करने की दिशा में कदम उठाएं। इस कार्यकाल में उनकी सरकार रोजगार के नए अवसर पैदा करने पर जोर देने पर ध्यान हो, जो राज्य के विकास और सामाजिक सुधार के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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रोजगार के नई आकांक्षाएं
चुनाव प्रचार के दौरान हेमंत सरकार ने अपनी नई पारी के लिए युवाओं तथा रोजगार को लेकर अहम वादे किए थे जिससे पिछली कार्यकाल से ही रोजगार के आस लगाए युवा नई सरकार के बनते ही सरकार से रोजगार पाने को लेकर एक नई उम्मीद जगी है। उन्हें आशा है कि इस बार सरकार रोजगार को लेकर जरूर सजग रहेगी तथा नई रोज़गार की अवसर उपलब्ध कराएगी। JPSC तथा JSSC में लंबित नियुक्ति प्रक्रिया में दोबारा रफ्तार पकड़ने की संभावना है।
चुनावी घोषणाएँ और योजनाएँ
- बंपर रोजगार सृजन: सोरेन सरकार ने 35,000 सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है, जिसमें शिक्षक, पुलिस सिपाही, और अन्य पद शामिल हैं। उन्होंने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) और अन्य परीक्षाओं के शीघ्र परिणाम जारी करने का आश्वासन भी दिया।
- रोजगार भत्ता और प्रशिक्षण: झारखंड के बेरोजगार युवाओं को आर्थिक सहायता और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने पर जोर दिया गया है। अब तक, राज्य के 2 लाख से अधिक युवाओं को निजी क्षेत्रों में रोजगार दिलाने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा चुके हैं।
- तकनीकी शिक्षा और नए कॉलेज: सरकार ने 10 नए तकनीकी कॉलेज खोलने की योजना बनाई है, जिनमें आधुनिक लैब और रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम होंगे। यह राज्य के युवाओं को तकनीकी शिक्षा और बेहतर करियर अवसर प्रदान करेगा।
- महिलाओं को रोजगार में प्राथमिकता: राज्य की बेटियों और महिलाओं को रोजगार देने के लिए विशेष योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद कर रही हैं।
- सांस्कृतिक और सामाजिक सुधार: झारखंड की सांस्कृतिक अस्मिता और परंपराओं को संरक्षित रखते हुए, ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की पहल भी जोर-शोर से की जा रही है। पंचायत स्तर पर 4,041 विद्यालयों को आदर्श स्कूलों में तब्दील किया जाएगा।
रोजगार के ढेरों अवसर
नई रोज़गार को छोड़ कर ही सरकार के पास पहले पुरानी सभी रिक्त स्थानों पर नियुक्ति करने के लिए है। बहुत सारे विभागों में पहले से ही महत्वपूर्ण पद रिक्त है। सिर्फ जेपीएससी में लंबित लगभग 1700 नियुक्ति की प्रक्रिया लंबित है। जून 2024 में मुख्य परीक्षा संपन्न होने के बाद से रिजल्ट लंबित है. आयोग को सबसे पहले 11वीं से 13वीं सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी करना है। रिजल्ट जारी होने के बाद इंटरव्यू की तिथि का निर्धारण करना होगा।
सरकारी विश्वविद्यालयों में 2404 असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर और कॉलेज प्राचार्य की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करना है। बीएयू में भी शिक्षकों और डीन की नियुक्ति की जानी है। असिस्टेंट प्रोफेसर, जेआरएफ और पीएचडी प्रवेश के लिए झारखंड पात्रता परीक्षा (जेट) का आयोजन करना है।
JPSC अध्यक्ष का पद भी अगस्त से रिक्त पड़ी है।
डॉ नीलिमा केरकेट्टा का कार्यकाल 22 अगस्त 2024 को समाप्त होने के बाद से ही आयोग में किसी नये अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो सकी है। नियमानुसार, अध्यक्ष की सहमति के बाद ही रिजल्ट और नियुक्ति की अनुशंसा संभव है।
JPSC में लंबित महत्वपूर्ण परीक्षाएं
परीक्षा/पद | पदों की संख्या |
---|---|
11वीं सिविल सेवा परीक्षा | 342 |
सीडीपीओ | 64 |
सिविल जज जूनियर | 138 |
फॉरेस्ट रेंज अफसर | 170 |
फॉरेस्ट असिस्टेंट रेंज अफसर | 78 |
विश्वविद्यालय अधिकारी | 24 |
फूड एनालिस्ट | 02 |
मेडिकल अफसर | 256 |
फूड सेफ्टी अफसर | 56 |
डेयरी डायरेक्टर | 01 |
उच्च शिक्षा निदेशक | 01 |
प्लस टू प्राचार्य | 39 |
जिला डेंटल डॉक्टर | 12 |
यूनानी मेडिकल अफसर | 78 |
होम्योपैथिक डॉक्टर | 137 |
आयुर्वेदिक डॉक्टर | 207 |
मेडिकल कॉलेज शिक्षक | 44 |
सीनियर डेंटल डॉक्टर | 20 |
डेंटल डॉक्टर | 23= |
निष्कर्ष
हेमंत सोरेन की 2024 चुनावी घोषणाएँ झारखंड के युवाओं और बेरोजगारों के लिए एक नई उम्मीद की किरण हैं। उनकी सरकार का फोकस शिक्षा, रोजगार, और सामाजिक सुरक्षा पर है, जिसमें बड़े पैमाने पर सरकारी भर्तियाँ, कौशल विकास, और महिला सशक्तिकरण शामिल हैं। इन वादों से झारखंड के विकास की नई राह तैयार हो सकती है। अगर ये योजनाएँ प्रभावी रूप से लागू होती हैं, तो राज्य में रोजगार और सामाजिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। जनता के लिए यह एक बड़े बदलाव का संकेत हो सकता है।